रामकंद कहते है जिसे वह न तो कन्द है और न ही मूल और न ही फल है
क्या आपने खाया है इसे ...?
कुछ वर्ष पहले मैं , माँ बम्लेश्वरी मेला के अवसर पर डोंगरगढ़ के नीचे वाले मेला में घूम रहा था। तभी मेरी नज़र एक भगवा वस्त्र पहने व्यक्ति पर पड़ा जो की मंदिर के पास सड़क के किनारे अखबार बिछा कर उसके ऊपर खुद के बैठने के लिये अपना गमछा बिछाये हुए बैठा था। वह कन्दमूल फल बेच रहा था। हल्का भूरा सा रंग की विशालकय जड़ का भाग सामने रखा हुआ और पांच रुपये में तीन पीस दे रहथा। बहुत ग्राहक नहीं थे, या कहे तो उस समय मेरे सिवाय अन्य कोई ग्राहक नहीं था।
मैने कौतूहल से पूछा – क्या है यह? यद्यपि छोटा सा बोर्ड में श्री राम कंद मूल लिखा था।
इसे रामकंद कहते है ,कन्दमूल फल है ।
इसे रामकंद कहते है ,कन्दमूल फल है ।
उसके बोलने के अन्दाज से यह लगता था कि मुझे तो पता होना चाहिए था। या बोर्ड को पढ लेना चाहिए था।
रामकंद क्यों बोलते है जी इसे ,,,,,,,,, ?
उसे लगा शायद मुझे रामायण की समझ होनी चाहिये थी। और जानना चाहिये कि राम-सीता-लक्षमण यह मूल अपने निर्वासन काल में खाते रहे इसलिए । अच्छा।
उसे लगा शायद मुझे रामायण की समझ होनी चाहिये थी। और जानना चाहिये कि राम-सीता-लक्षमण यह मूल अपने निर्वासन काल में खाते रहे इसलिए । अच्छा।
कौतूहल के वशीभूत मैने पांच रुपये में तीन पतले पतले टुकड़े – मानो ब्रिटानिया के चीज-स्लाइस हों, खरीद लिये।! हल्की मिठास लिये हुये कच्चा आलू ( raw potato ) का सा कुरकुरे वाला स्वाद ;
सामान्य अच्छा सा लगा । ये साहब कंदमूल फल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है ?
कन्दमूल फल की स्लाइसों की हल्की मिठास का स्वाद लेते हुये मैंने कहा अच्छा ।
मैंने पूछा - कहा मिलता है ?
जंगलो में लेकिन किस जगह वो चुप रहा। खैर मैं पांच रुपये के और खरीद कर आगे बढ गया । वैसे भी मेला क्षेत्र में टहलने के ध्येय से गया था, किसी के व्यवसाय पर शोध करने नहीं! सो वहां से चल दिया। कन्दमूल फल की स्लाइसों की हल्की मिठास का स्वाद लेते हुये। रास्ते में ट्रैन में मेरी कुछ लोगो से इस पर चर्चा बहु हुआ। पता लगा की ये ताकत से भरपूर भोजन है ,जो की तुरंत ही पचने योग्य है। पुराने कथाओ में वन में रहने वाले तपस्वी इसका सेवन कर सत्य का अन्वेषण करते थे। और अनेको बीमारी को इसे खा कर ठीक किया जा सकता है।
चुकि मैं बॉटनी में मास्टर डिग्री लिया हुआ हु , उत्सुकता हुई ,आखिर ये क्या चीज़ है। और उस बड़े, सिलेंडर के आकार का, भूरा कंद के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रयास किया । पर ज्यादा खोजबीन किया तो बिलकुल ही अलग चीज़ मालूम हुई। कि ये तो न ही कन्द है और और न ही मूल। क्योंकि ये मोनोकोट पौधे से सम्बंधित है ,जो की जमीं के ऊपर झखड़ा जड़ के सहित रहता है। विदेश में शराब की एक क्वालिटी को बनाने में ये मदद करते है और ज्यादा मात्रा में खाने से स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
यह भी ज्ञात हुआ की ये तीर्थ स्थानों के मेले में बिकने वाला कन्द वास्तव में 'राम फल ' कहकर विक्रेताओं द्वारा बेचा जाता है। चित्रकूट, मध्य प्रदेश , यू पी और नासिक महाराष्ट्र ,उड़ीसा के क्षेत्र में यह पाया जाता है ।इस विशाल जड़-फल के प्राप्त के स्रोत इसके विक्रेताओं के द्वारा सबसे गुप्त रखा गया है। यह इस आकार में आने में १२ से १५ वर्ष लेता है। रामायण में गूलर जैसे फल का उल्लेख है कि राम, सीता, लक्ष्मण ने उसे भी भोजन के लिए इस्तेमाल किया ,क्योंकि ये उन्हें आसानी से मिल सकता है। क्योंकि कंद मूल इसे खाने योग्य बनाने के लिए कुछ प्रक्रिया का इस्तेमाल करना होता है । उस प्रक्रिया को कहीं भी उल्लेख नही किया है।अन्य कोई फल की विशेष उल्लेख नहीं है।
Figure 1.a The Ramkand; b, The excised rosette of Agave sisalana
1980 में, भारत की वनस्पति विज्ञानियों ने इसके पहचान को एक चुनौती के रूप में लिया था । वे जनता के मदद से इस विशाल जड़ों की पहचान करना चाहते थे । लेकिन उनके सभी प्रयास बेकार में चला गया।लगभग 10 साल पहले, कोल्हापुर विश्वविद्यालय के Department of Botany,Shivaji University ने डी एन ए फिंगर प्रिंटिंग का सहारा से इस की पहचानक्र एक चौंकाने वाला निष्कर्ष के साथ सामने आया था। जिसके अनुसार पिछले कुछ वर्षों में, विक्रेताओं रामबांस agave अमेरिका की एक किस्म को बेचते है । और वह monocot plant होने से जमीन के ऊपर मिलता है जिसका फोटो ऊपर में दिया गया है ( b The excised rosette of Agave sisalana )
Where is Ma Balmeshwari Devi temple and which State
जवाब देंहटाएंMaa bamleshwari mata temple
हटाएंDongargarh, dist.Rajnandgaon
Chhattisgarh
I eat it at Panchmari, Jata Shankar Caves, it was 20 rs/ slice, after eating it, me and all my friends had a severe reaction on tongue it got puffed up with aching regions on tongue for more than three days, as I write this I am suffering from it.
जवाब देंहटाएंTrue.... It's create itching on tounge sometime, if it not ready to eat.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद पर adsense aprovel भी मिला है अभी तक क्या
जवाब देंहटाएंCLICK BAIT TITLE HAI lekin koi proof nahi hai!!!!!!
जवाब देंहटाएंक्योंकि कंद मूल इसे खाने योग्य बनाने के लिए कुछ प्रक्रिया का इस्तेमाल करना होता है । उस प्रक्रिया को कहीं भी उल्लेख नही किया है।अन्य कोई फल की विशेष उल्लेख नहीं है।
kaun si hai wo कुछ विशेष प्रक्रिया ??
jab khud ko pata nahi to views ke liye kuchh bhi !!!!!
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जवाब देंहटाएंExplore Casinos 사천 출장샵 Near 의정부 출장마사지 Me » Get Near Me at Casinos Near Me Get Near Me at Casinos 부산광역 출장샵 Near Me in 2021 Casinos Near Me - A 원주 출장안마 World Of Casinos With 공주 출장안마 a