मुर्गे का घर / बकरे का घर
बाया चित्र मे " जी हा ये यह मुर्गे का घर है। शाम को जंगल एरिया मे मुर्गे को यहां रखते है। शुरू मे दिक्कत होती है फिर आदत हो जाने से वो खतरा भाप कर खुद इसमे घूस जाते है। घर मे इनके रखने से मुर्गे गंदगी करते है, और उसका बदबू भी आता। ऐसा अलग अलग रखने से इनकी परवाह भी नहीं करना पड़ताहै। साथ हि रात को जंगली जानवर का भी डर नहीं। साप काटने का भी डर नही। इसलिए ये इस तरह के घर मुर्गे के लिए बनाते है।
दाये चित्र मे "" यह जंगल एरिया मे बकरे का रहने घर है। इसके पास जितने बकरे होते है, उतना ही संख्या मे जंगली जानवर से बचाव के लिये घर बनाकर इसी में ये रात मे बकरे को रखते है। जमीन से ऊपर रहने से तो जंगली जानवर नहीं खायेंगे? सुरक्झित रहेंगे . इनके स्वयं के घर छोटे होने के कारण इन्हें इसप्रकारकी व्यवस्था करनी होती है
दिन में बकरे को नीचे छोड़ देते है। वे जंगल में चरने चले जाते है। बरसात के दिनों में बैलों के साथ चराते है। धूपकाल में छोड़ देते है। खाली जमीन में बांधेने से बकरे बीमार हो जाते । फिर मर जाते। इसीलिए ऐसा घर बनाते है.ताकि स्वस्थ रहे .
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