कनिष्ठ ( अधिकारी ) को अपने से वरिष्ठ अधिकारी का अहम् को भी कायम रखना चाहिए ,,, ? ( फाइलों में बॉस सिग्नेचर क्यों नही करते ,उनमे से एक कारण यह भी )
मैंने अपने शासकीय सेवा काल में देखा हु की फ़ाइल टेबल में ही बिना किसी निर्णय के ही पड़ा रहता है। इसके पीछे के कारणों में से एक कारण मुझे यह भी समझ में आया की कार्यालय चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी , नौकरी में कभी कभी प्रबंधक का अहम् को भी अवरोधक( बाधक ) बनते देखा जाता है ।यहाँ पर कनिष्ठ ( अधिकारी ) साथियो को इस बात को समझने की आवश्यकता है ।
इस बात को ऐसे समझे के आप ( कनिष्ठ होने के कारण ) एक अच्छा जानकार आदमी है , अपने साथ अनेको तकनिकी प्रस्ताव साथ में लेकर अपने अधिकारी के कमरे में प्रवेश कर बॉस से कहते है ?
सर इन कागज़ों में सिग्नेचर कर देवे ,,, ?
अधिकारी -क्या है ये ,, ?
सर ये सब तकनिकी जानकारी है , जो की कंप्यूटर आदि से सम्बंधित है ,
आप नही समझ पाएंगे ?
ठीक है छोड़ जाओ ,, ? ( बॉस बोलता है )
( मन में जब समझ लूंगा तब कर दूंगा दस्तखत )
यह पर आप देखिये की कनिष्ठ ने आने वरिष्ठ अधिकारी के ज्ञान और छमता पर व्यंग किया।
उन्हें जानकारी नही है का बोध कराया।
अब आप ही बताइये की क्या कोई वरिष्ठ अधिकारी इस तरह की प्रतिक्रिया को स्वीकार करेगा ।
इसके बजाय यदि वह ये कहता की सर यह एक बिलकुल सामान्य तकनिकी प्रतिवेदन है ,जिसे की मैंने पढ़ लिया है। बिलकुल सही है अभी आप व्यस्त है। यदि आप कहे तो इसे छोड़ जाता हु। आप देख कर समझ लीजियेगा ,या फिर मुझे बुला लीजियेगा।
इसे वित्त विभाग में उच्च अधिकारियो के माध्यम से शीघ्र भेजना है ।
शायद ऐसे समय में वरिष्ठ अपने कनिष्ठ को यही कहता की अब आपने तो देख ही लिया है ,और सिग्नेचर उसी समय ही कर देता।
इस वाकिया से यह बात तो स्पष्ठ होती है न की जहा वरिष्ठ को कनिष्ठ के प्रति संवेदनशील रहना है वही पर कनिष्ठ का भी कर्तव्य बनता है की वह वरिष्ठ अधिकारी के प्रति यथो चित सम्मान का व्यव्हार करे।
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