रविवार, 18 सितंबर 2016

   चिखलदरा-

यही भीम ने कीचक का वध कर लिया था द्रोपदी के अपमान का बदला लेने

चिखलदरा- जहा पंचबोल पॉइंट पर आवाज पांच बार गूंजती है


मुझे इस जगह बैतूल मे निवास के दौरान सिर्फ एक दिन के लिये जाने का मौका लगा था .जहा के लिये मै बैतूल से परतवाडा और अचलपुर से होते हुए गया था. चिखलदरा यह  विदर्भ क्षेत्र   हाराष्ट्र का एकमात्र रमणीक हिल स्टेशन है । यह महाराष्ट्र के अमरावती जिले मुख्यालय से से 85 किमी दूर स्थित है। यहा की पहाड़ियों ट्रेकिंग के लिए बहुत उपयुक्त हैं। इसके अलावा, काफी और कपास की खेती के लिए भी प्रसिद्ध है।

यहां का इतिहास

एक पर्वतीय पठार है पर स्थित है ...चिखलदरा के मुख्य पॉइंट्स गविलगढ़ का किला-धुंध में लिपटा गविलगढ़ के किले के बारे में यह माना जाता है कि यह गविलगढ़ के गवली जनजाति का किला है. चिखलदरा के पठार पर बना यह किला अब मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट के अंतर्गत आता है.
भीमकुंड- गांव से डेढ़ किमी. की दूरी पर बने इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि कीचक का वध करने के बाद भीम ने इस कुंड में अपने हाथ धोए थे. यहां से 3500 फीट गहरी घाटी और तेज बहती एक धारा यहां का आकर्षण है.
देवी मंदिर-यह स्थान शक्कर झील से थोड़ी दूरी पर है. यह गुफा में मदिर तीन बड़े पत्थरों के स्लैब से बना है. शक्कर झील का पानी लगातार गुफा की छत से बहता रहता है.
हरीककेन पॉइंट- इस पॉइंट के नीचे गविलगढ़ किला, मोजारी गांव, वेरंत पहाड़ी और प्रकृति का विस्तृत नजारा नजर आता है.
सनसेट पॉइंट- यह पॉइंट वेरंत पहाड़ी पर स्थित है. माना जाता है महाभारत काल में राजा वेरंत की राजधानी हुआ करती थी. यहां से सूर्यास्त का मनमोहक नजारा दिखता है.
पंचबोल पॉइंट- यह यहां का प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण पॉइंट है. यहां पर प्राकृतिक रूप से पांच पहाड़ियों के किनारे मिलते हैं और मिलकर एक सामान्य और विशाल घाटी का निर्माण करते हैं. यहां पर आवाज पांच बार गूंजती है. यही वजह है कि इसे पंच घाटी भी कहा जाता है. इस जगह का नाम 'कीचक' के नाम पर पड़ा. यह वह स्थान है जहां भीम ने अधर्मी कीचक का वध करके यहां की घाटी में फेंक दिया था. इसके बाद ही इस स्थान को 'कीचकदारा' के नाम से जाना जाने लगा जबकि चिखलदरा इसका बिगड़ा हुआ नाम है.
चिखलदरा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी - विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले में चिखलदरा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है. इस अभयारण्य का नाम 'कीचक' के नाम पर पड़ा. यहां पर चीते, भालू, सांभर और जंगली सूअर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होते हैं. कई बार यहां जंगली कुत्ते भी नजर आ जाते हैं.
मेलघाट टाइगर रिजर्व- सतपुड़ा पहाड़ियों की श्रृंखला के जिले अमरावती के चिखलदरा और धरनी तहसील में मेलघाट टाइगर रिजर्व बना हुआ है. 1676.93 वर्ग. किमी. में बना यह टाइगर रिजर्व महाराष्ट्र में भारतीय बाघों के संरक्षण के लिए बचा हुआ आखिरी स्थान है.
कैसे पहुचे
हवाई मार्ग से
नजदीक का एयरपोर्ट नागपुर 235 km दूर है ,जो की भारत के सभी शहर से अच्छी तरह से जुडा हुआ है .
रेलमार्ग
समीपस्थ रेलवे स्टेशन बडनेरा ,अमरावती से 93 km दूर है .ये स्टेशन नागपुर से भुसावल के बीच के स्टेशन है .
सड़कमार्ग
यहां पर बस के द्वारा अकोला ,अमरावती ,नागपुर ,और बैतूल से अचलपुर ,परतवाडा होकर भी आ सकते है ,किन्तु अपने निजी कार या टैक्सी मे आना ज्यादा बेहतर है.
नज़दीक के शहर से दूरी
अमरावती– 85 km
अकोला – 131 km
नागपुर – 230 km
इन्दोर – 295 km
बैतूल _ 85 km







1 टिप्पणी:

  1. एक चित्र मे एक विशाल जलाशय दिख रहा है ,उसका वर्णन लेख मे नही है ।उसके सम्बन्ध मे कुछ जानकारी दीजिए ।
    और सब बहुत मनोरम दृश्य है ।
    क्यि वहां कैम्पिंग किया जा सकता है ?

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